यहां कोने में विराजमान हैं भोले बाबा, जलाभिषेक करने से होता है हर कष्ट दूर
लखनऊ के नामी प्राचीन मंदिरों में से एक है चौक स्थित कोनेश्वर महादेव मंदिर। कई अन्य देवताओं को की प्राण प्रतिष्ठा भी की गई है। कहते है बाबा को नित्य जलाभिषेक करने से हर तरह का कष्ट दूर हो जाता है।
सावन भर यहां ब्राह्मणों का दल विशेष पाठ करता है। हर महाशिवरात्रि, सावन के हर सोमवार को कई क्विंटल फूलों से शृंगार होता है। इस दौरान सैकड़ों लोग बाबा के दर्शनों को आते हैं।
भक्त बताते हैं कि ये मंदिर कभी गोमती के नजदीक हुआ करता था। लोग मंदिर को त्रेता युग का बताते हैं। कहते हैं कि बहुत समय पहले कौंडिल्य ऋषि भ्रमण के दौरान गोमती के किनारे से गुजरे तो नजदीक ही ऊंचाई पर भगवान को स्थापित किया। तब गोमती मंदिर के नजदीक से ही बहती थी। बाद में नदी अपने बहाव से दूर हुई।
इस मंदिर में दुग्धधारा से शिवजी की अर्चना करने पर पूरी होती है हर मनोकामना
धार्मिक ग्रंथों में मिलता है महादेव के इस मंदिर का वर्णन, अद्भुत है इसकी महिमा, तस्वीरें
मंदिर बनने के दौरान भगवान को यहां कई बार भक्तों और पुजारियों ने बीच में स्थापित करने का प्रयास किया, लेकिन ये अपने आप ही पुरानी जगह पर आ जाया करते। बताते हैं कि ऐसा लगातार तीन-चार रातों तक चला। एक ऋषि की सलाह और भक्तों से राय मशविरा के बाद प्रभु को कोने में ही विराजा गया। तब से कोनेश्वर महादेव चर्चित हुए।
जहां कोने में विराजमान है महादेव कोनेश्वर मंदिर