आज है छत्रपति शिवाजी महाराज की जयंती

छत्रपती शिवाजी महाराज भारत के एक महान राजा एवं रणनीतिकार थे जिन्होंने 1674 ई. में पश्चिम भारत में मराठा साम्राज्य की नींव रखी। उन्होंने कई वर्ष औरंगज़ेब के मुगल साम्राज्य से संघर्ष किया। सन् 1674 में रायगढ़ में उनका राज्यभिषेक हुआ और वह "छत्रपति" बने। 
जन्म: 19 फ़रवरी 1630, शिवनेरी दुर्ग
मृत्यु: 3 अप्रैल 1680, रायगड फोर्ट
पूर्ण नाम: Shivaji Bhonsle
राज्याभिषेक: 6,जुन,1674
पत्नियां: सकवरबाई (विवाह 1656–1680), पुतलाबाई (विवाह 1653–1680), ज़्यादा
बच्‍चे: सम्भाजी, राजाराम, अम्बिकाबाई महादिक, राजकुंवरबाई शिर्के, दीपाबाई, ज़्यादा
 छत्रपति शिवाजी महाराज की जयंती (Chhatrapati Shivaji Jayanti) हर साल 19 फरवरी को मनाई जाती है. देश के वीर सपूतों में से एक शिवाजी महाराज (Shivaji Maharaj) का जन्म 19 फरवरी 1630 में शिवनेरी दुर्ग में हुआ था. उनका पूरा नाम शिवाजी भोंसले था. शिवाजी कई कलाओं में माहिर थे, उन्होंने बचपन में राजनीति एवं युद्ध की शिक्षा ली थी. महाराणा प्रताप की तरह वीर शिवाजी राष्ट्रीयता के जीवंत प्रतीक एवं परिचायक थे. 6 जून 1674 को शिवाजी मुगलों को परास्त कर लौटे और उनका मराठा शासक के रूप में राज्याभिषेक हुआ था. शिवाजी महाराज का विवाह 14 मई, 1640 में सइबाई निम्बालकर के साथ लाल महल, पुना में हुआ था. उनके पुत्र का नाम संभाजी था. आइये जानते हैं शिवाजी महाराज से जुड़ी 5 बातें...
 छत्रपति शिवाजी महाराज से जुड़ी 5 बातें
 1. बचपन में शिवाजी अपनी आयु के बालक इकट्ठे कर उनके नेता बनकर युद्ध करने और किले जीतने का खेल खेला करते थे. युवावस्था में आते ही उनका खेल वास्तविक बन गया और वह शत्रुओं पर आक्रमण कर उनके किले आदि जीतने लगे.
2. शिवाजी पर मुस्लिम विरोधी होने का दोषारोपण किया जाता रहा है, पर यह सत्य नहीं है. शिवाजी की सेना तो अनेक मुस्लिम नायक एवं सेनानी थे, साथ ही अनेक मुस्लिम सरदार और सूबेदारों जैसे लोग भी थे. वास्तव में शिवाजी का सारा संघर्ष उस कट्टरता और उद्दंडता के विरुद्ध था, जिसे औरंगजेब जैसे शासकों और उसकी छत्रछाया में पलने वाले लोगों ने अपना रखा था.
3. शिवाजी महाराज का विवाह सन् 14 मई 1640 में सइबाई निम्बालकर के साथ लाल महल, पुना में हुआ था. उनके पुत्र का नाम सम्भाजी था. सम्भाजी शिवाजी के ज्येष्ठ पुत्र और उत्तराधिकारी थे, जिन्होंने 1680 से 1689 ई. तक राज्य किया.
4. शिवाजी ने मराठाओं की एक विशाल सेना तैयार की थी. उन्हीं के शासन काल में गुरिल्ला युद्ध के प्रयोग का भी प्रचलन शुरू हुआ. उन्होंने नौसेना भी तैयार की थी. भारतीय नौसेना का उन्हें जनक माना जाता है. 
5. मराठा सम्राज्य की नींव रखने वाले छत्रपति शिवाजी की मृत्यु 03 अप्रैल 1680 को उनके रायगढ़ फोर्ट में हुई थी. उनके निधन को लेकर इतिहासकारों में मतभेद है. कुछ इतिहासकार मानते हैं कि उनकी मृत्यु स्वाभाविक थी, लेकिन कई किताबों में इतिहासकारों ने लिखा कि उन्हें साजिश के तहत जहर दिया गया था, जिसके चलते उनकी मृत्यु हुई थी.