आज है विश्व एड्स दिवस

 आज है विश्व एड्स दिवस।

प्रतिवर्ष विश्व एड्स दिवस पूरे विश्व में 1 दिसम्बर को लोगों को एड्स के बारे में जागरुक करने के लिये मनाया जाता है। एड्स ह्यूमन इम्यूनो डेफिशियेंसी (एचआईवी) वायरस के संक्रमण के कारण होने वाला महामारी का रोग है। संयुक्त राज्य अमेरिका के राष्ट्रपति ने साल 1995 में विश्व एड्स दिवस के लिए एक आधिकारिक घोषणा की थी, जिसके बाद से दुनिया भर में विश्व एड्स दिवस मनाया जाने लगा।  एड्स एक ऐसी बीमारी है जिसमें इंसान की संक्रमण से लड़ने की शरीर की क्षमता पर प्रभाव पड़ता है। इतने सालों बाद भी अबतक एड्स का कोई प्रभावी इलाज नहीं है। इस बार की थीम एचआईवी महामारी समाप्त करना है।

पहला विश्व एड्स दिवस

विश्व एड्स दिवस की पहली बार कल्पना 1987 में अगस्त के महीने में थॉमस नेट्टर और जेम्स डब्ल्यू बन्न द्वारा की गई थी। थॉमस नेट्टर और जेम्स डब्ल्यू बन्न दोनों डब्ल्यू.एच.ओ.(विश्व स्वास्थ्य संगठन) जिनेवा, स्विट्जरलैंड के एड्स ग्लोबल कार्यक्रम के लिए सार्वजनिक सूचना अधिकारी थे। उन्होंने एड्स दिवस का अपना विचार डॉ. जॉननाथन मन्न (एड्स ग्लोबल कार्यक्रम के निदेशक) के साथ साझा किया, जिन्होंने इस विचार को स्वीकृति दे दी और वर्ष 1988 में 1 दिसंबर को विश्व एड्स दिवस के रुप में मनाना शुरु कर दिया। उनके द्वारा हर साल 1 दिसम्बर को सही रुप में विश्व एड्स दिवस के रुप में मनाने का निर्णय लिया गया। 

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1959 में अफ्रीका के कॉन्गो में एड्स का पहला मामला कॉन्गो में आया था पहला मामला

1959 में अफ्रीका के कॉन्गो में एड्स का पहला मामला सामने आया था, जिसमें कि एक व्यक्ति की मौत हो गई थी। जब उसके रक्त की जांच की गई तो पुष्टि हुई कि उसे एड्स है। 1980 की शुरुआत में यह बीमारी सामने आई, जिसके बाद अबतक पूरी दुनिया में लाखों की तादाद में लोग इस बीमारी से जान गंवा चुके हैं।

1986 में भारत में एड्स का पहला मामला सामने आया था।

एड्स से जुड़ी रोचक जानकारी-

-एड्स पर बनी पहली हॉलीवुड फिल्म का नाम ‘एंड द बैंड प्लेन ऑन’ था।

-900 नए बच्चे पूरी दुनिया में हर दिन एड्स का शिकार हो रहे हैं।

-1986 में भारत में एड्स का पहला मामला सामने आया था।

-60 डिग्री सेल्सियस से ऊपर तापमान होने पर एचआईवी के विषाणु मारे जाते हैं।

बुखार भी है एड्स का लक्षण।

एचआईवी से संक्रमित व्यक्ति में इस तरह के लक्षण पाएं जाते हैं-

गले में खराश

रात के दौरान पसीना

बढ़ी हुई ग्रंथियाँ

वजन घटना

बुखार

ठंड लगना

थकान

दुर्बलता

जोड़ो का दर्द

मांसपेशियों में दर्द