क्रिकेट की सफ़ेद और लाल बॉल में क्या अंतर होता है? क्या oneday ,टेस्ट आउट टी-२० के लिए अलग अलग बॉल इस्तमाल की जाती है?



भारत में क्रिकेट तो लगभग सभी को पसंद है और अगर आप भी क्रिकेट देखते है तो अपने एक बात नोटिस जरूर की होगी की टेस्ट मैच और वनडे मैच में अलग अलग रंग की बॉल का इस्तेमाल किया जाता है। लेकिन क्या आप ये जानते है कि अलग अलग रंग की बॉल में क्या अंतर होता है।

सफेद बॉल का इस्तेमाल वनडे मैच में किया जाता है जबकि लाल बॉल का इस्तेमाल टेस्ट मैच में किया जाता है। अगर हम बात करे की इन दोनों बॉल्स में क्या अंतर होता है तो

आपको बता दे की इन दोनों बॉल्स में मुख्य अंतर पॉलिश का होता है, सफ़ेद बॉल जल्दी गन्दी न हो इसलये इस पर थोड़ी ज्यादा पॉलिश की जाती है, लेकिन ज्यादा पॉलिश करने की वजह से स्पिन गेंदवाजों को ग्रिप बनाने में थोड़ी परेशानी होती है।

बॉल का जो कलर है उससे ज्यादा मायने इस बात के होते है कि बॉल को किस कंपनी के द्वारा बनाया गया है। आपको बता दे की आजकल वनडे मैचों में ज्यादातर कुकाबुर्रा (Kookaburra) ब्रांड की सफ़ेद बॉल का इस्तेमाल किया जाता है, और इसी वजह से बॉल से ज्यादा मैच पर पिच, स्विंग, मौसम और सीम का पड़ता है।

लेकिन टेस्ट मैचों की बात कुछ और होती है, टेस्ट मैचों में स्थिति थोड़ी बदल जाती है, और टेस्ट मैचों में बॉल किस ब्रांड की है ये भो बहुत मायने रखता है। आपको बता दे की कुकाबुर्रा (Kookaburra) ब्रांड की

लाल बॉल का ज्यादातर इस्तेमाल दक्षिण अफ्रीका, ऑस्ट्रेलिया, ओर पाकिस्तान में खेले जाने वाले टेस्ट मैचों में होता हैं, भारत के SG ब्रांड की बॉल का इस्तेमाल होता है, इसके अलावा इंग्लैंड तथा वेस्ट इंडीज़ ड्युक ब्रांड की लाल गेंदों का इस्तेमाल किया जाता हैं, ड्युक् की गेंद की सीम थोड़ी उठी हुई होती है, जिससे तेज़ गेंदबाज़ों को स्विंग और सीम में काफी मदद मिलती है, और इसी वजह से तेज गेंदबाज़ों को ड्युक् ब्रांड की गेंद ज्यादा पसंद होती है।

इसके अलावा SG ब्रांड की गेंदों की सीम थोड़ी दबी हुई होती है जो गेंदबाज के बजाय बल्लेबाज को फायदा पहचती है। इसके अलावा आपको बता दे की ये सभी गेंदें वाटरप्रूफ होती है और ये प्योर लेदर की बनी होती है